यूपीए दौर में 3600 करोड़ रुपये के 12 अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर की खरीद के घोटाले में बिचौलिए की किरदार निभाने वाले ब्रिटिश नागरिक (57) को दुबई से हिंदुस्तानप्रत्यर्पित कर दिया गया है। बोला जा रहा है कि ब्रिटिश-इतालवी फर्म अगस्तावेस्टलैंड ने यह डील हासिल करने के लिए मिशेल को दलाली के लिए कथित रूप से 42 मिलियन यूरो (295 करोड़) दिए।
आरोप है कि मिशेल ने अगस्तावेस्टलैंड के लिए यह डील हासिल करने के लिए सह-आरोपियों के साथ मिलकर आपराधिक षडयंत्र रचा। सह आरोपी में तत्कालीन वायुसेना प्रमुख एस पी त्यागी व उनके परिवार के सदस्य शामिल हैं। षड्यंत्र के तहत लोक सेवकों ने वीवीआईपी हेलीकॉप्टर की उड़ान भरने की ऊंचाई 6000 मीटर से घटाकर 4500 मीटर कर अपने सरकारी पद का दुरुपयोग किया।
भारत गवर्नमेंट ने आठ फरवरी 2010 को रक्षा मंत्रालय के जरिए ब्रिटेन की अगस्तावेस्टलैंड इंटरनेशनल लिमिटेड को लगभग 55.62 करोड़ यूरो (3600 करोड़ रुपये) का ठेका दिया।
CBI के मुताबिक मिशेल अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर्स का ‘‘ऐतिहासिक परामर्शदाता’’ बताया जाता है जिसे हेलीकॉप्टर, सैन्य अड्डों व पायलटों की तकनीकी संचालनात्मक जानकारी थी। मिशेल 1980 के दशक से ही कंपनी के साथ कार्य कर रहा था व इससे पहले उसके पिता भी इंडियन एरिया के लिए कंपनी के परामर्शदाता रह चुके थे।
एजेंसी ने बताया कि वह कथित तौर पर बार-बार हिंदुस्तान आता रहता था व इंडियन वायुसेना तथा रक्षा मंत्रालय में सेवानिवृत्त तथा मौजूदा अधिकारियों समेत विभिन्न स्तरों पर सूत्रों के एक बड़े नेटवर्क के जरिए रक्षा खरीद के लिए बिचौलिए के तौर पर कार्य कर रहा था।
सीबीआई के मुताबिक हेलीकॉप्टर घोटाले में अगस्तावेस्टलैंड को ठेका दिलाने व इंडियन अधिकारियों को अवैध कमीशन या घूस का भुगतान करने के लिए बिचौलिए के तौर पर मिशेल की संलिप्तता 2012 में सामने आई।
नई दिल्ली के पटियाला हाउस में CBI मामलों के विशेष न्यायाधीश ने 24 सितंबर 2015 की तिथि वाला खुला गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया। उसके बाद वह फरार हो गया व जांच में शामिल होने से बच रहा था। उसके विरूद्ध पिछले वर्ष सितंबर में आरोपपत्र दायर किया गया। CBI के मुताबिक इस वारंट के आधार पर इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जिससे फरवरी 2017 में उसे दुबई में अरैस्ट कर लिया गया।
मिशेल (57) दुबई में अपनी गिरफ्तारी के बाद से कारागार में था व उसे यूएई में कानूनी व न्यायिक कार्यवाही के लंबित रहने तक हिरासत में भेज दिया गया था। दुबई न्यायालय ऑफ कैसेशन ने मिशेल के एडवोकेट की ओर से दायर दो आपत्तियों को खारिज कर दिया व हिंदुस्तान के सक्षम प्राधिकारियों को उसे प्रत्यर्पित करने की आसार पर विचार करने के अपीलीय न्यायालय के निर्णय को बरकरार रखा।
उसके बाद दुबई गवर्नमेंट ने उसे प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दे दी। प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पूरी करने के बाद मिशेल को हिंदुस्तान वापस लाया गया।